Friday, March 20, 2015

विकास की सभी बाधाएं एक महीने में हटा दी जाएंगी

मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (एमएमआर) में रहने वाले लाखों लोगों को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ी राहत देने की घोषणा की है। बजट सत्र के नौवे दिन उन्होंने विधानसभा में कहा कि एमएमआर के विकास की सभी बाधाएं एक महीने में हटा दी जाएंगी। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई समिति की रिपोर्ट इस महीने के आखिर तक मिल जाएगी और अप्रैल के अंत तक सरकार इस पर फैसला भी कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि पूरे एमएमआर के लिए नए सिरे से काम हो रहा है। वहां की खतरनाक बिल्डिंगों और गैर कानूनी रूप से बनाई गई इमारतों की समस्याओं के बारे में विस्तार से अध्ययन करके यह समिति रिपोर्ट देगी। उन्होंने साफ किया कि गैरकानूनी बिल्डिंगों को पहले नियमित करना होगा। उसके बाद ही उसका रीडिवपेलमेंट किया जा सकेगा।
कुछ साल पहले मुंब्रा में एक बिल्डिंग गिर गई थी। उसमें रहने वाले कई लोगों की जानें चली गई थीं। वह बिल्डिंग गैरकानूनी रूप से बनाई गई थी। उस हादसे ने सरकार की आंखें खोली दी थीं। उसके बाद ही तत्कालीन सरकार ने स्थानीय स्तर पर कई विकास नीतियां बनाई थीं।
सीएम ने बताया, 'अब हमारी सरकार पूरे एमएमआर रीजन के लिए एक ही विकास नीति बना रही है। समिति यह भी अध्ययन कर रही है कि खतरनाक व गैरकानूनी बिल्डिंगों का रीडिवेपलमेंट करना है, तो उसके लिए कितनी एफएसआई की जरूरत होगी।'
विधानसभा में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक व अन्य सदस्यों ने मीरा-भाईंदर में पुरानी खतरनाक बिल्डिंगों के बारे में सवाल पूछा था। उनका साथ कांग्रेस के विधायक नसीम खान, एएमआईएम के विधायक वारिस पठान और अन्य सदस्यों ने दिया।
308
वर्ग किलोमीटर
मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबीवली, वसई-विरार, मीरा-भाईंदर, भिवंडी-निजामपुर और उल्हासनगर
अलीबाग, अंबरनाथ, कर्जत, खपोली, कुलगांव-बदलापुर, माथेरान, पनवेल, पेन और उडन
2011
की जनगणना के अनुसार शहरी क्षेत्र की आबादी 1.24 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र की करीब 2.09 करोड़

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