Sunday, March 29, 2015

बैंक के डायरेक्टरों के खिलाफ आपराधिक एफआईआर दर्ज

 मुंबई बैंक घोटाले में दक्षिण मुंबई के माता रमाबाई आंबेडकर पुलिस स्टेशन में बैंक के डायरेक्टरों के खिलाफ आपराधिक एफआईआर दर्ज की गई है। एमएनएस के पूर्व विधायक प्रवीण दरेकर और एमएनएन नेता शिवाजीराव नलावडे मुंबई बैंक के चेयरमैन थे, उनके कार्यकाल में आपराधिक विश्वास भंग, धोखाधड़ी, फर्जी कागजात के इस्तेमाल जैसे आरोपों को लेकर ये एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें दरेकर, नलावडे, प्रकाश शिरवाडकर, राजा नलावडे आदि को आरोपी बनाया गया है।
मुंबई बीजेपी के सचिव विवेकानंद गुप्ता ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। इसी के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 409, 465, 467, 471, 120-बी और 214 के तहत अपराध दर्ज किया है। मुंबई सीएसटी से लगी एम,आर.ए, पुलिस ने 86-2015 के तहत 27 मार्च 2015 को एफआईआर दर्ज की है। वर्ष 2007 में 166 करोड़ रुपये के कैश बॉन्ड 6.6 करोड़ रुपये का नुकसान कराके बेच दिए गए। डिजेस्टर रिकवरी के नाम पर बिना निविदा मंगवाए ठेका दे दिया गया, जिसकी वजह से बैंक को 6.7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ये सभी बातें बैंक के ऑडिट में साफ होकर सामने आई हैं। नलावडे ने बिना आर्हता के अपने पुत्र की नियुक्ति कर दी, इसकी भी जानकारी शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी है।

राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस छोड़कर प्रवीण दरेकर पिछले दिनों बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन इसका कोई खास फायदा उन्हें मिलता दिखाई नहीं पड़ा। बीजेपी के मुंबई सचिव विवेकानंद गुप्ता की पहल पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सरकारी जांच में दो बार घोटाला उजागर हुआ, मगर पैसों की वसूली के नाम पर कार्रवाई टाली जाती रही। दरेकर के एनसीपी के साथ करीबी संबंध बताए जाते हैं। दरेकर को बैंक का चेयरमैन बनाने वाले उनके साथ नलावडे तो मुंबई एनसीपी के पदाधिकारी थे, जो बाद में दरेकर के साथ एमएनएस में शामिल हो गए।

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